‘सन ऑफ सरदार’ फेम मुकुल(Mukul Dev) देव का 54 वर्ष की आयु में निधन, जानें उनकी पूरी कहानी
मुकुल देव: एक बहुमुखी अभिनेता की जीवनी
प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि
मुकुल देव का जन्म 17 सितंबर, 1970 को नई दिल्ली में एक पंजाबी परिवार में हुआ था, जिसकी जड़ें जालंधर के पास एक गांव से जुड़ी थीं। उनके पिता, हरि देव, दिल्ली पुलिस के सहायक आयुक्त थे, जिनका निधन 2019 में 91 वर्ष की आयु में हुआ। मुकुल के भाई, राहुल देव, भी एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। मुकुल ने सेंट कोलंबस स्कूल, दिल्ली में अपनी शिक्षा प्राप्त की। उनके पिता ने उन्हें अफगान संस्कृति से परिचित कराया, और वह पश्तो और फारसी बोल सकते थे। मुकुल का मनोरंजन की दुनिया से पहला परिचय तब हुआ जब वह आठवीं कक्षा में थे और उन्होंने दूरदर्शन के एक डांस शो में माइकल जैक्सन की नकल करके अपनी पहली कमाई की।
करियर की शुरुआत
मुकुल ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी से पायलट प्रशिक्षण प्राप्त किया था। हालांकि, आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने अभिनय की ओर रुख किया। 1996 में, निर्देशक महेश भट्ट ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें फिल्म दस्तक में एक नकारात्मक भूमिका दी, जिसने उन्हें दर्शकों और फिल्म निर्माताओं का ध्यान आकर्षित किया। उसी वर्ष, उन्होंने टीवी धारावाहिक मुमकिन में विजय पांडे की भूमिका निभाई। इसके बाद, उन्होंने दूरदर्शन के कॉमेडी शो एक से बढ़कर एक में भी काम किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
सिनेमाई और टेलीविजन योगदान
मुकुल देव ने अपने दो दशक से अधिक के करियर में विभिन्न भाषाओं और शैलियों में काम किया। उनकी प्रमुख हिंदी फिल्मों में यमला पगला दीवाना (2011), वजूद (1998), एक खिलाड़ी एक हसीना (2005), ओमेर्ता (2018), सन ऑफ सरदार, आर… राजकुमार, और जय हो शामिल हैं। यमला पगला दीवाना के लिए उन्हें 7वां अमरीश पुरी पुरस्कार मिला, जो उनकी अभिनय क्षमता का प्रमाण है। पंजाबी सिनेमा में, उन्होंने साक (2019), ज़ोरावर (2016), और शरीक 2 (2022) जैसी फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। इसके अलावा, उन्होंने बंगाली, मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया, जिससे उनकी बहुमुखी प्रतिभा का पता चलता है।
टेलीविजन पर, मुकुल ने 2006 में फियर फैक्टर इंडिया के पहले सीजन की मेजबानी की। उनकी यह भूमिका दर्शकों के बीच लोकप्रिय रही। वह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की भूमिकाओं को सहजता से निभाने में माहिर थे, जिसने उन्हें उद्योग में एक विशेष स्थान दिलाया।
व्यक्तिगत जीवन
मुकुल अपने परिवार के बहुत करीब थे। उन्होंने अक्सर अपने पिता के प्रभाव के बारे में बात की, जिन्होंने उन्हें और उनके भाई राहुल को अफगान संस्कृति से परिचित कराया। राहुल ने मुकुल को एक सहायक और प्यार करने वाला भाई बताया। अपने सफल करियर के बावजूद, मुकुल हमेशा विनम्र और जमीन से जुड़े रहे। वह अपनी शुरुआती संघर्षों को याद करते थे और बताते थे कि कैसे उनका जीवन पायलट से अभिनेता बनने की ओर मुड़ा।
निधन
मुकुल देव का निधन 23 मई, 2025 को दिल्ली में हुआ, जब वह 54 वर्ष के थे। खबरों के अनुसार, वह कुछ दिनों से अस्वस्थ थे, लेकिन उनके निधन का सटीक कारण अभी तक आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुआ है। उनके निधन की खबर ने मनोरंजन उद्योग में शोक की लहर दौड़ा दी। उनकी करीबी दोस्त और अभिनेत्री दीपशिखा नागपाल ने उनकी दयालुता और पेशेवर रवैये की प्रशंसा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके प्रशंसकों और सहयोगियों ने सोशल मीडिया पर उनकी यादों को साझा किया, जिसमें उनकी गर्मजोशी और समर्पण को याद किया गया।
विरासत
मुकुल देव की भारतीय सिनेमा और टेलीविजन में योगदान को लंबे समय तक याद किया जाएगा। उनकी बहुमुखी प्रतिभा, दर्शकों से जुड़ने की क्षमता और अपने काम के प्रति समर्पण ने उन्हें एक विशेष स्थान दिलाया। जैसे-जैसे फिल्म बिरादरी और प्रशंसक उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं, वे एक ऐसे व्यक्ति के जीवन और कार्य का उत्सव भी मना रहे हैं, जिसने अपने कला के माध्यम से कई लोगों को प्रेरित किया और खुशी दी।
उल्लेखनीय फिल्में और धारावाहिक
माध्यम | नाम | वर्ष | भूमिका |
---|---|---|---|
फिल्म | दस्तक | 1996 | अभिनेता |
फिल्म | वजूद | 1998 | अभिनेता |
फिल्म | यमला पगला दीवाना | 2011 | अभिनेता (7वां अमरीश पुरी पुरस्कार) |
फिल्म | साक | 2019 | अभिनेता |
टीवी | मुमकिन | 1996 | विजय पांडे |
टीवी | फियर फैक्टर इंडिया | 2006 | मेजबान |